ब्रह्मांड की कहानी
आओ सुनाऊं ब्रह्मांड की कहानी
सुनी है मैंने प्रभु की जुबानी
जड़ से चेतन होता है प्राणी आज
निर्माणकर्ता सृष्टि का पुनः आज
होती है अनंत सृष्टि ब्रह्मांड में आज
समाई हुई है मन में सृष्टि आज
जागरूकता और चेतना का खेल निराला
होती है चेतना सबके प्राणों में आज
क्यों लेते हैं जागरूकता अलग अलग प्राणी आज
कैसे लगाएं जागरूकता का पता आज
खुश कर दो प्राणियों का जीवन में आज
देंगे आशीर्वाद पुनः आपको आज
वंदना विनय विवेक विकास
करते हैं उद्धार सृष्टि का आज
प्रेम है परमात्मा का प्रारूप
करें प्राणियों के अनुरूप
ऋषभ दिव्येन्द्र
27-May-2023 12:27 PM
बहुत खूब
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